स्टेन स्वामी की मौत के बाद खुलासा, जानबूझकर कंप्यूटर में प्लांट किए गए थे आपत्तिजनक दस्तावेज

स्टेन स्वामी की मौत के बाद खुलासा, जानबूझकर कंप्यूटर में प्लांट किए गए थे आपत्तिजनक दस्तावेज

सामाजिक कार्यकर्ता स्‍टेन स्‍वामी (STAN SWAMI DEATH)  की मौत के बाद अमेरिकी फोरेंसिंक एजेंसी ने अपनी एक रिपोर्ट में बड़ा खुलासा किया है।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि फादर स्टेन स्वामी की तरह ही भीमा कोरेगांव मामले में जेल में बंद सुरेंद्र गाडलिंग (Surendra Gadling) के कंप्यूटर में जानबूझ कर आपत्तिजनक दस्तावेज डाले गए थे।

सुरेंद्र गाडलिंग को भी भीमा कोरेगांव मामले में यूएपीए कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार, सुरेंद्र गाडलिंग के कंप्‍यूटर को उसकी गिरफ्तारी के दो साल पहले ही निशाना बनाया गया था इससे इस आशंका को बल मिलता है कि स्‍वामी के कंप्‍यूटर को भी इसी तरह टारगेट किया गया होगा।

इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जिस ईमेल के आधार पर गाडलिंग को गिरफ्तार किया गया था उसे स्टेन स्वामी समेत कई लोगों को भी भेजा गया था। इसलिए यह संभावना जताई जा रही है कि फादर स्टेन स्वामी के कंप्यूटर के साथ भी छेड़छाड़ हुआ हो।

गौरतलब है कि भीमा कोरेगांव मामले में हिरासत में रखे गए सामाजिक कार्यकर्ता स्‍टेन स्‍वामी का मुंबई के अस्‍पताल में निधन हो गया था। वे 84 साल के थे और कुछ दिन से अस्‍पताल में लाइफ सपोर्ट पर थे।

84 वर्षीय ईसाई धर्मगुरु और सुरेंद्र गाडलिंग उन 16 लोगों में थे जिन्‍हें मामले, जिसे भीमा-कोरेगांव केस के नाम से जाना जाता है, में आरोपी थे।

स्‍टेन ने अपने कई जमानती आवेदनों में तर्क किया था कि उसके खिलाफ दंगा भड़काने और माओवादियों से संबंध रखने को लेकर पेश किए गए सबूत ‘गढ़े’ गए थे।

राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए ने दावा किया था कि स्‍टेन स्‍वामी और 15 अन्‍य आरोपियों ने महाराष्‍ट्र के भीमा-कोरेगांव में तीन साल पहले दंगा भड़काया था जब लाखों की संख्‍या में दलित उस ऐतिहासिक लड़ाई का जश्‍न मनाने के लिए एकत्रित हुए थे जिसमें दलितों ने उच्‍च जाति आर्मी को हराया था।

आलोचकों का कहना है कि यह कठोर कानून का उपयोग सरकार ने वामपंथी बुद्धिजीवियों सहित अपने विरोधियों को टारगेट करने में किया है।

ऐसी रिपोर्ट सामने आई है जिसमें बोस्‍टन स्थित आर्सेनल कंसल्टिंग के निष्‍कर्षों का निचोड़ है।

कुछ महीने पहले भीमा कोरेगांव मामले में ही जेल में बंद सामजिक कार्यकर्ता रोना विल्सन के कंप्यूटर में भी छेड़छाड़ का खुलासा हुआ था और यह खुलासा अमेरिकी अखबार द वाशिंगटन पोस्ट ने किया था। अमेरिकी अखबार ने आर्सेनल कंसल्टिंग के हवाले से ही यह खुलासा किया था कि एक अज्ञात हैकर ने रोना विल्सन के कंप्यूटर में आपत्तिजनक दस्तावेज डाले थे जिसके आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया गया था।

आर्सेनल कंसल्टिंग की जून 2021 की रिपोर्ट के अनुसार जब सुरेन्द्र गाडलिंग के हार्ड ड्राइव का विश्लेषण किया गया तो इसके पर्याप्त सबूत मिले कि कंप्यूटर में जानबूझ कर आपत्तिजनक दस्तावेज डाले गए थे।

साथ ही इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आर्सेनल कंसल्टिंग के सामने आए मामलों में यह सबूतों के साथ छेड़छाड़ का सबसे गंभीर मामला है।
रिपोर्ट कहती है कि उसका सिस्‍टम फरवरी 2016 से नवंबर 2017 के बीच 20 माह से अधिक समय तक हैक किया गया और इस दौरान कम से कम 14 आपत्तिजनक लेटर, उसी अटैकर द्वारा कंप्‍यूटर में प्‍लांट किए गए जिसने रोना विल्‍सन के सिस्‍टम को टारगेट करके इसे 30 फाइल्‍स प्‍लांट की थीं।
वेबसाइट के अनुसार, आर्सेनल, बोस्‍टन मैराथन बम्‍बिंग सहित बड़ी संख्‍या में हाई प्रोफाइल केसों में काम कर चुकी है।

सुरेंद्र गाडलिंग को करीब तीन वर्ष पहले अरेस्‍टट किया गया था और वे तब से जेल में हैं। एनआईए ने इस रिपोर्ट के बारे में यह कहते हुए कमेंट करने से नकार कर दिया है कि मामला अभी कोर्ट में विचारधीन है।

(साभार-एनडीटीवी)

 

Amit Singh

Amit Singh

अमित सिंह, सच भारत में राजनीति और मनोरंजन सेक्शन लीड कर रहे हैं। उन्हें पत्रकारिता में करीब 5 साल का अनुभव है। इन्हें राजनीति और मनोरंजन क्षेत्र कवर करने का अच्छा अनुभव रहा है।थियेटर एक्टर रह चुके अमित ने टीवी से लेकर अखबार और देश की विभिन्न विख्यात वेबसाइट्स के साथ काम किया है।इन्होंने राष्ट्रीय स्तर की दर्जनों शख्सियतों का वीडियो और प्रिंट इंटरव्यू भी लिया है।अमित सिंह ने अपनी स्कूली शिक्षा लखनऊ से प्राप्त करने के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली से टीवी पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की है।

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