नहीं रहें फ्लाइंग सिंख मिल्खा सिंह, 91 साल की उम्र में कोरोना से निधन
भारत के महान फर्राटा धावक मिल्खा सिंह का एक महीने तक कोरोना संक्रमण से जूझने के बाद शुक्रवार को निधन हो गया । इससे पहले उनकी पत्नी और भारतीय वॉलीबॉल टीम की पूर्व कप्तान निर्मल कौर ने भी कोरोना संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया था। पद्मश्री मिल्खा सिंह 91 वर्ष के थे।उनके परिवार में उनके बेटे गोल्फर जीव मिल्खा सिंह और तीन बेटियां हैं । उनके परिवार के एक प्रवक्ता ने बताया, ”उन्होंने रात 11:30 पर आखिरी सांस ली।”
वहीं अस्पताल ने अपने स्टेटमेंट में बताया है ”मिल्खा सिंह 3 जून को PGIMER अस्पताल में भर्ती हुए थे। 13 तारीख तक यहां उनका कोरोना का इलाज चलता रहा। अंततः वे कोरोना नेगेटिव आ गए।
हालांकि बाद में पोस्ट कोविड दिक्कतें आने के कारण उन्हें कोविड अस्पताल से मेडिकल ICU में भर्ती कर दिया गया. लेकिन डॉक्टरों की टीम के द्वारा की गई पूरी कोशिशों के बाद भी वे क्रिटिकल कंडीशन से बाहर नहीं आ सके और 18 जून की रात 11.30 बजे वे स्वर्ग के लिए प्रस्थान कर गए.”
उनकी हालत शाम से ही खराब थी और बुखार के साथ ऑक्सीजन भी कम हो गई थी । वह यहां पीजीआईएमईआर के आईसीयू में भर्ती थे । उन्हें पिछले महीने कोरोना हुआ था और बुधवार को उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी । उन्हें जनरल आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया था । गुरूवार की शाम से पहले उनकी हालत स्थिर हो गई थी।
उनकी पत्नी 85 वर्षीय निर्मल का रविवार को एक निजी अस्पताल में निधन हुआ था । अपनी पत्नी के दाह संस्कार में भी वे शामिल नहीं हो सके थे क्योंकि वे खुद भी आईसीयू में भर्ती थे।
मिल्खा सिंह का अंतिम संस्कार आज शाम 5 बजे चंडीगढ़ के सेक्टर 25 स्थित श्मशान घाट में किया जाएगा. अंतिम दर्शन के लिए आज 3 बजे उनका पार्थिव शरीर उनके सेक्टर 8 सिथित घर पर रखा जाएगा
चार बार के एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता मिल्खा ने 1958 राष्ट्रमंडल खेलों में भी पीला तमगा हासिल किया था । उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हालांकि 1960 के रोम ओलंपिक में था जिसमें वह 400 मीटर फाइनल में चौथे स्थान पर रहे थे । उन्होंने 1956 और 1964 ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया । उन्हें 1959 में पद्मश्री से नवाजा गया था।