पंचायत वेब सीरीज का दूसरा भाग प्राइम वीडियो पर रिलीज, रिलीज होते ही सोशल मीडिया पर हुआ ट्रेंड
साल 2020 के अप्रैल महीने में पहली बार अमेजन प्राइम वीडियो पर ‘पंचायत’ लगी। ग्राम प्रधान चूल्हे पर खाना बनाती दिखीं। गांव वाले खुले में शौच करते दिखे। महिला सीट पर चुनी गई प्रधान के पति गांव की राजनीति चलाते दिखे और दिखे सचिव जी। कॉलेज में पढ़ाई के दौरान कुछ बड़ा करने का सपना देखते देखते वह गांव फुलेरा आ गए। फुलेरा से फकौली बाजार की मोटरसाइकिल यात्रा के बहाने सीरीज ने वह सब दिखाया जिसे देश में हुए ‘विकास’ का असली आइना माना जा सकता है। आपको बता दें अपने तय रिलीज के दो दिन पहले ही इसका दूसरा सीजन प्राइम वीडियो पर प्रकट हो गया है।
सीरीज का दूसरा सीजन वहीं से शुरू होता है जहां पहला सीजन खत्म हुआ था। जी हां पानी की टंकी से सचिव जी थर्मस पकड़ते उतरते दिखते हैं। पूछने पर बताते हैं कि चाय पीने गए थे। उनके और रिंकी के बीच चल रहे ‘चक्कर’ के बारे में बतियाते विकास और प्रह्लाद को ये चिंता है कि कहीं इसके बारे में प्रधानजी को पता चल गया तो मार हो जाएगी। तालाब की मिट्टी भी बिकनी है और परमेसर से असली प्रधानजी ने मोल तोल में पंगा ले लिया है। मामला बीबीपुर के नाच तक जा पहुंचा है। और इस नाच से ही पता चलता है कि ‘पंचायत’ का दूसरा सीजन पहले सीजन की तरह ही है तो सिर्फ वयस्कों के लिए लेकिन ये एडल्ट सीरीज वैसी नहीं है जैसे ओटीटी पर एडल्ट सीरीज के मायने हो चले हैं।
वेब सीरीज ‘पंचायत’ सीजन 2 में दो नए किरदारों की एंट्री पहले दो एपीसोड में हो चुकी है। प्रधानजी की बिटिया रिंकी बनी पूजा सिंह के चेहरे पर ताजगी है। हां, उनके हाव भाव गांव की बिटिया जैसे नहीं लगते। उनके लिए ये सीजन एक कसौटी है, उस पर खरी उतरकर ही वह आगे अपनी उड़ान भर सकेंगी। सुनीता राजवर को ‘गुल्लक’ के तुरंत बाद पिंटू की मम्मी बने देखने थोड़ा दोहराव सा लगता है। तेवर हालांकि उनके अपने जैसे ही हैं। अभिषेक त्रिपाठी बने जितेंद्र कुमार का हर भाव अब जाना पहचाना हो चुका है। लंबी रेस में टिकने के लिए उन्हें अब इस फरमे से बाहर आने की जरूरत है। उनका किरदार पहले सीजन में सीरीज का एंकर था, लेकिन इस बार लोगों की निगाहें दूसरे किरदारों पर ज्यादा टिक रही हैं।
निर्देशक दीपक कुमार मिश्रा की ‘पंचायत’ का दूसरा सीजन अपनी रिलीज से दो दिन पहले रिलीज हुआ और रिलीज होते ही सोशल मीडिया पर ट्रेंड भी हो गया। लेकिन शुरू के दो एपीसोड की कहानी बीते सीजन से थोड़ा उन्नीस है। चंदन कुमार की लिखावट में पहले सीजन का दबाव झलकता है। हां, सीरीज की तकनीकी टीम पिछले सीजन की तरह की चुस्त दुरुस्त है। प्रियदर्शिनी ने कपड़ा विभाग करीने से संभाला है तो अमिताभ सिंह का कैमरा जहां जाता है, एक गांव साथ लिए चलता है। बस, अनुराग सैकिया ने इस बार अनुराग कश्यप की फिल्मों सा संगीत बनाने की कोशिश है। और, उसमें कमोबेश सफल भी रहे हैं। नकल के जमाने में कोई कितना ओरीजनल रह भी सकता है।